भुवनेश्वर, 30 सितंबर (भाषा) उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश चित्तरंजन दास के नेतृत्व वाले न्यायिक आयोग ने भुवनेश्वर में पुलिस द्वारा सेना के एक अधिकारी को प्रताड़ित करने और उसकी मंगेतर के यौन उत्पीड़न के आरोपों की सोमवार को जांच शुरू की।
आयोग ने यहां विशेष सर्किट हाउस में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्यव्रत साहू और सूचना एवं जनसंपर्क सचिव संजय सिंह के साथ अपनी पहली बैठक की।
आयोग के सचिव शुभेंदु मोहंती ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘हम सभी हितधारकों से हलफनामे के रूप में बयान मांगेंगे। सूचना एवं जनसंपर्क सचिव को जल्द से जल्द सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करने के लिए कहा गया है। संबंधित व्यक्ति अगले 21 दिनों में हलफनामा प्रस्तुत कर सकते हैं।’’
उन्होंने बताया कि हलफनामे मिलने के बाद आयोग मामले की आगे की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि आयोग ने 15 सितंबर को भरतपुर थाने में हुई घटना की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच का भी जायजा लिया।
इस बीच, घटना के बाद निलंबित किए गए पुलिस थाने के पांच अधिकारियों ने उड़ीसा उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया।
कथित घटना तब हुई जब सेना के अधिकारी और उनकी मंगेतर रात के समय में भरतपुर पुलिस थाने में ‘रोड रेज’ की शिकायत दर्ज कराने गए थे, जिसमें कथित तौर पर कुछ स्थानीय युवकों ने उन्हें परेशान किया था।
देशभर में आक्रोश के बाद, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का आदेश दिया। आयोग को 60 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
भाषा अमित रंजन
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