ओडिशा सरकार पुरी स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों के उपयोग की योजना बना रही

ओडिशा सरकार पुरी स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों के उपयोग की योजना बना रही

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  • Publish Date - October 30, 2024 / 01:51 PM IST,
    Updated On - October 30, 2024 / 01:51 PM IST

भुवनेश्वर, 30 अक्टूबर (भाषा) ओडिशा सरकार पुरी के ‘स्वर्गद्वार’ श्मशान गृह में शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी के स्थान पर गाय के गोबर से बने उपलों का उपयोग करने की योजना बना रही है। मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने यह बात कही है।

मल्लिक ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘गाय का गोबर हिंदू परंपरा में बहुत अधिक महत्व रखता है। गाय के गोबर के उपले ईंधन के रूप में काम आ सकते हैं और हम पुरी स्थित स्वर्गद्वार में शवों के दाह संस्कार के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार इस पहल के बारे में स्वर्गद्वार की प्रबंध समिति, सामाजिक संगठनों और गोशाला संचालकों के साथ विचार-विमर्श करेगी।

मलिक ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जिसमें पांच मंत्री और पांच सचिव शामिल होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह समिति गाय के गोबर और मूत्र के अतिरिक्त उपयोगों के बारे में खोज करेगी, जिसका उद्देश्य गौ संरक्षण को बढ़ावा देना, पशु आश्रयों का विस्तार करना और डेयरी उत्पादन को बढ़ाना है।’’

हालांकि, जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता नरेश दास ने सरकार के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दाह संस्कार के लिए लकड़ी ही एकमात्र उपयुक्त सामग्री है।

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू धर्मग्रंथों में गाय के गोबर के उपलों का कोई उल्लेख नहीं है।’’

जगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ सेवायत बिनायक दास महापात्रा ने भी इस पहल का विरोध किया और कहा कि वह सरकार के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेंगे।

भाषा

यासिर मनीषा

मनीषा