भुवनेश्वर, 19 फरवरी (भाषा) ओडिशा विधानसभा में बुधवार को विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ‘मिशन शक्ति’ की कार्यकारी समिति का पुनर्गठन करके इसका ‘‘भगवाकरण’’ करने की कोशिश कर रही है।
सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही बीजद और कांग्रेस के सदस्य आसन के सामने आ गए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
वरिष्ठ बीजद सदस्य रणेंद्र प्रताप स्वैन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘मिशन शक्ति’ की कार्यकारी समिति का पुनर्गठन करने और समिति में भाजपा सदस्यों को शामिल करने की कोशिश कर रही है।
बीजद सदस्य ध्रुव चरण साहू ने दावा किया कि राज्य सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ की कार्यकारी समिति के पुनर्गठन के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।
आंदोलन कर रहे बीजद सदस्यों ने विरोध में तख्तियां दिखाईं, कांग्रेस सदस्य ताराप्रसाद बहिनपति को विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने का प्रयास करते देखा गया।
सदन की कार्यवाही चलाने में असमर्थ विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही केवल दो मिनट ही चल सकी।
बाद में बीजद सदस्यों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया और ‘मिशन शक्ति संगठन’ के पुनर्गठन के सरकार के कदम का विरोध किया।
‘मिशन शक्ति’ एक ऐसा मंच है जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में शामिल करके उनका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण करना है। इसे राज्य में आठ मार्च, 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुरू किया था।
भाषा सुरभि नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)