कोहिमा, आठ नवंबर (भाषा) एनएससीएन-आईएम (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड- इसाक मुइवा) ने नगा राजनीतिक मुद्दे पर गतिरोध को दूर करने के लिए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की शुक्रवार को मांग की और ‘‘हिंसक सशस्त्र संघर्ष’’ की धमकी दी।
समूह ने 1997 से संघर्ष विराम का पालन किया है। उसने केंद्र पर तीन अगस्त 2015 को हुए रूपरेखा समझौते के संबंध में ‘‘विश्वासघात’’ करने का आरोप लगाया।
एनएससीएन-आईएम के महासचिव टी मुइवा ने एक बयान जारी कर दावा किया कि केंद्र ऐतिहासिक समझौते के प्रमुख प्रावधानों का सम्मान करने, विशेष रूप से ‘नगा राष्ट्रीय ध्वज और संविधान’’ को मान्यता देने से ‘‘जानबूझकर इनकार’’ कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इन प्रतिबद्धताओं का सम्मान न करने से शांति प्रक्रिया बाधित हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि रूपरेखा समझौते का पालन करने में केंद्र की विफलता ‘‘नए सिरे से हिंसक टकराव’’ को जन्म दे सकती है।
उन्होंने गतिरोध को दूर करने के लिए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का भी आह्वान किया।
भाषा सिम्मी वैभव
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