नई दिल्ली : Parmal Rice Export Ban Lift : केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल यानी परमल चावल के निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा दिया। सरकार की तरफ से जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।
बता दें कि, सरकार ने जुलाई 2023 में चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया था। सरकार द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटने का सीधा असर परमल धान के रेटों पर होगा। हरियाणा और पंजाब में परमल धान पककर तैयार है, लेकिन सरकार की खरीद शुरू न होने से किसानों को परमल धान के सही रेट नहीं मिल रहा है, क्योंकि प्राइवेट खरीदार कम रेट पर धान खरीद रहे हैं। अब चावल निर्यात से प्रतिबंध हटने से बाजार में तेजी आने की संभावना है।
Parmal Rice Export Ban Lift : निर्यातकों ने पाबंदी हटाने के फैसले की सराहना की और इसे क्षेत्र के लिए अहम करार दिया। ‘राइस विला’ के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा, ‘‘गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का भारत का साहसिक फैसला कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी है।’’ अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने ‘पारब्वॉइल्ड’ चावल पर निर्यात शुल्क भी 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता और कीमतें नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। भारत इस चावल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। सरकार ने 2023 में उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाया था।
Parmal Rice Export Ban Lift : हरियाणा, पंजाब सहित देश के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस समय फसल लगभग पक चुकी है। दोनों राज्यों की कुछ मंडियों में तो गैर-बासमती धान यानी परमल की आवक शुरू भी हो चुकी है। धान उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी बारिश की वजह से इस बार देश में धान का बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार धान का रकबा 41.35 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 40.45 मिलियन हेक्टेयर था।