एआई आधारित परियोजनाओं की प्राप्ति के लिए भारतीय सेना अकादमिक और भारतीय उद्योग के साथ-साथ डीआरडीओ के साथ भी काम कर रही है। इसके लिए मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एआई लैब की स्थापना की गई है। जिसमें एआई प्रोजेक्ट्स की तैनाती के लिए प्रोडक्शन एजेंसी को देने से पहले इन-हाउस टेस्टिंग की गई है।
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इन स्थानो में तैनात
भारतीय सेना ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एआई पावर्ड स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम की कई इकाईयां तैनात की हैं। यूनिट पीटीजेड कैमरों और हैंडहेल्ड थर्मल इमेजर्स जैसे उपकरणों से अकेले इनपुट को संभालने में सक्षम है। इसने मैन्युअल निगरानी की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है।एआई (AI) आधारित संदिग्ध वाहन पहचान प्रणाली को उत्तर और दक्षिण में 8 स्थानों पर तैनात किया गया है।
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