नई दिल्ली। कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए बड़ी खबर है। कोविशील्ड को अभी कई देशों ने अपने यहां मान्यता नहीं दी है। कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को यूरोपीय संघ के देश अपने यहां आने की इजाजत नहीं देंगे। इसे लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने केंद्र सरकार से दखल देने की मांग की है।
अदार पूनावाला के मुताबिक कोविशील्ड को ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल नहीं करने से कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोग यूरोपीय देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे और इससे छात्रों, व्यवसायियों को यात्रा में दिक्कतें आएंगी और इससे हमारी अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी बाधा उत्पन्न होगी।’
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पूनावाला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर ये बातें कही हैं। सूत्रों ने पूनावाला के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि एसआईआई में सरकार एवं विनियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इसमें जयशंकर से भी हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। सिंह ने कहा है, कोविशील्ड टीके को अगर ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल किया जाता है तो यह देश हित में होने के साथ ही दुनिया भर के लोगों के हित में होगा।
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यूरोपीय संघ ने पहले कहा था कि सदस्य देशों को कोविड-19 वैक्सीन के प्रकार की परवाह किए बिना प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए, लेकिन ‘ग्रीन पास’ की तकनीकी विशिष्टताओं से संकेत मिल रहे हैं कि यह ईयू-व्यापी विपणन प्राधिकरण से प्राप्त करने वाले कोविड टीकों तक ही सीमित होगा।
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यूरोपीय संघ के कई सदस्य देशों ने डिजिटल वैक्सीन पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है, जो यूरोपीय लोगों को काम या पर्यटन के लिए स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति देगा। वैक्सीन पासपोर्ट इस बात के प्रमाण के रूप में काम करेगा कि किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस से प्रतिरक्षा देने वाला टीका लग गया है।