Cow Dung: कुवैत के बाद अब शारजाह भेजा जाएगा गोबर, जानें गाय के गोबर को लेकर क्या है असली माजरा

cow dung : इन दिनों विदेशों में गाय के गोबर की डिमांड बढ़ गई है। कई देश गाय के गोबर की मांग कर रहे हैं। कुवैत के बाद अब शारजाह ने भी ...

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  • Publish Date - July 12, 2022 / 08:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

जयपुर। cow dung : इन दिनों विदेशों में गाय के गोबर की डिमांड बढ़ गई है। कई देश गाय के गोबर की मांग कर रहे हैं। कुवैत के बाद अब शारजाह ने भी भारत से एक हजार मीट्रिक टन गाय के गोबर की मांग की है। बताया जाता है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शारजाह के वैज्ञानिकों ने गाय के गोबर को बेहद फायदेमंद बताया है। इसे लेकर जयपुर स्थित पिंजरापोल गौशाला को एक हजार मिट्रिक टन गाय का गोबर भेजने का आर्डर मिला है।

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सनराइज कंपनी के माध्यम से अगस्त महीने के अंत तक गोबर भेजा जाएगा। शुरूआती दौर में पिंजरापाल गौशाला से गोबर शारजाह भेजा जाएगा। उसके बाद प्रदेश के बाड़मेर, टोंक, कोटा और जैसलमेर जिलों से भी गोबर एकत्रित कर के शारजाह भेजा जाएगा। प्रदेश में 3,525 पंजीकृत गौशालाओं में करीब 12 लाख गौवंश है। यह माना जाता है कि एक गाय एक घंटें करीब दस किलोग्राम गोबर करती है। इस लिहाज से पंजीकृत गौशालाओं में नौ करोड़ 40 लाख किलो से ज्यादा गोबर प्रतिदिन होता है।

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खाड़ी देशों को समझ में आई गाय के गोबर की उपयोगिता

भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के अध्यक्ष डॉ.अतुल गुप्ता का कहना है कि खाड़ी देशों को भी अब गाय के गोबर की उपयोगिता समझ में आई है। पहले कुवैत 192 मिट्रिक टन से ज्यादा गोबर भेजा गया था। अब शारजाह से एक हजार मिट्रिक टन की मांग आई है। जैविक खेती से जुड़े विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि एक एकड़ जमीन को जैविक भूमि में बदलने के लिए करीब तीन हजार किलोग्राम गोबर की जरूरत होती है। प्रदेश में एक करोड़ चालीस लाख गाय है।

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