शिमला। हिमाचल सरकार अब शराब की कमाई से अपना कर्ज उतारेगी। प्रदेश सरकार शराब नीति के जरिए एक साल में तकरीबन 215 करोड़ की कमाई करेगी। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2020-21 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी । प्रदेश सरकार 2020-21 में 1840 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाएगी। वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले इस बार की शराब नीति में 13 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जो कि 215 करोड़ रुपये अधिक है.
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जयराम कैबिनेट ने वर्ष 2020-21 के लिए खुदरा आबकारी ठेकेके नवीकरण को भी मंजूरी दी है। इससे प्रदेश सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और शराब की कीमतों में कमी आएगी। पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी। नई आबकारी नीति में शराब निर्माताओं के रिटेल लाइसेंसियों को देशी शराब का 30 प्रतिशत कोटा प्रदान करने का प्रावधान है, रिटेल लाइसेंसी शेष 70 प्रतिशत कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से ले सकते हैं।
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अब रात दो बजे तक परोसी जाएगी शराब
हिमाचल प्रदेश की शराब की नई नीति से सरकार के राजस्व की सुरक्षा की दृष्टि से रिटेल लाइसेंस धारकों से जमानत बतौर संपत्ति के कागजात के स्थान पर एफडीआर/बैंक गारंटी लेने का प्रावधान किया गया है। अगले वित्त वर्ष से राज्य में आयातित शराब की आपूर्ति राज्य में स्थित पब्लिक कस्टम बांउडिड गोदाम से की जाएगी। इसके अतिरिक्त, नई शराब नीति में सभी सितारा (स्टार) होटलों और विशेष पर्यटन क्षेत्रों में स्थित बारों के लिए बार की समयावधि दोपहर 12 बजे से मध्य रात्रि दो बजे तक निर्धारित की गई है।