‘खादी’ के नाम पर उत्पादों की अनधिकृत बिक्री में लगी 2,172 संस्थाओं को नोटिस जारी हुए : सरकार

'खादी' के नाम पर उत्पादों की अनधिकृत बिक्री में लगी 2,172 संस्थाओं को नोटिस जारी हुए : सरकार

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  • Publish Date - March 21, 2022 / 07:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने इस साल जनवरी तक ‘खादी’ के नाम पर उत्पादों की अनधिकृत बिक्री में लगी 2,172 संस्थाओं को नोटिस जारी किए हैं। सरकार ने यह जानकारी दी है।

एमएसएमई राज्य मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि लगभग 500 संस्थाओं ने अनजाने में खादी व्यापार चिह्न का उपयोग करने के लिए माफी मांगी है और उन्हें अपने उत्पादों और वेबसाइटों से हटा दिया है।

केवीआईसी, एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी 2022 तक, केवीआईसी ने खादी के नाम पर उत्पादों की अनधिकृत बिक्री में लगी संस्थाओं को 2,172 नोटिस जारी किए थे।’’

उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने अब तक विभिन्न संस्थाओं के खिलाफ व्यापार चिह्न नियमों का उल्लंघन करने के लिए नौ मुकदमे दायर किए हैं और ज्यादातर मामलों में उल्लंघन के खिलाफ अंतरिम रोक लगाई गई है।

खादी एसेंशियल, दिल्ली; उत्तर प्रदेश के इवेरखाड़ी; भारतीय खादी डिजाइन परिषद, उत्तर प्रदेश; जेबीएमआर एंटरप्राइजेज-खादी प्रकृति पेंट, उत्तर प्रदेश; गिरधर खादी, हरियाणा; और खादी बाय हेरिटेज, दिल्ली के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया।

मंत्री ने यह भी बताया कि फैबइंडिया, मुंबई; इंडिया खादी फैशन, महाराष्ट्र; और खादी स्टोर, पहनवा, महाराष्ट्र और राजस्थान के खिलाफ भी बंबई उच्च न्यायाय में एक मुकदमा दायर किया गया था।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने नकली खादी उत्पादों के निर्माण और बिक्री को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

कदमों में सात ट्रेड मार्क सलाहकारों की नियुक्ति शामिल है, जो तीसरे पक्ष द्वारा ट्रेड मार्क नियमों के उल्लंघन को सक्रिय रूप से देख रहे हैं और अनधिकृत उपयोगकर्ताओं को कानूनी नोटिस जारी कर रहे हैं। इसके अलावा, इसमें निरंतर आधार पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया से नकली खादी उत्पादों की बिक्री के संबंध में ऑनलाइन लिंक को हटाना भी शामिल है।

वर्मा ने कहा, ‘‘केवीआईसी ने अब तक एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, व्हाट्सएप, यूट्यूब आदि से 2,487 लिंक हटा दिए हैं।’’

भाषा राजेश राजेश माधव

माधव