उत्तर दिनाजपुर घटना: एनएचआरसी ने प. बंगाल सरकार, डीजीपी को नोटिस जारी किया

उत्तर दिनाजपुर घटना: एनएचआरसी ने प. बंगाल सरकार, डीजीपी को नोटिस जारी किया

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  • Publish Date - July 1, 2024 / 10:13 PM IST,
    Updated On - July 1, 2024 / 10:13 PM IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को उन खबरों को लेकर नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि उत्तर दिनाजपुर जिले के एक गांव में लोगों के एक समूह द्वारा एक युगल की कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पिटायी की गई।

आयोग ने एक बयान में कहा कि मुख्य अपराधी कथित रूप से ‘पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल’ से जुड़ा हुआ है और वह सामने आये वीडियो में लोगों के एक समूह से घिरे जोड़े की बुरी तरह पिटायी करते दिख रहा है।

आयोग ने कहा कि मीडिया की खबर में घटना से संबंधित सोशल मीडिया पर आये एक वीडियो को भी उद्धृत किया है।

बयान के अनुसार, इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए आयोग के महानिदेशक (जांच) से कहा गया है कि वे ‘‘तत्काल एक टीम का गठन करें और उसे घटनास्थल पर भेजकर मामले में तथ्यान्वेषी जांच करके रिपोर्ट जल्द से जल्द आयोग को सौंपें तथा इस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कम रैंक के अधिकारी द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।’’

उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा संभाग के लक्ष्मीपुर गांव में जोड़े की कथित सार्वजनिक पिटायी से आक्रोश उत्पन्न हो गया है। राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर राज्य में ‘तालिबान शासन कायम करने’ का आरोप लगाया है।

सामने आये वीडियो में जोड़े की डंडे से पिटायी करते दिखे व्यक्ति की पहचान ताजमुल उर्फ ‘जेसीबी’ के रूप में की गयी है। ऐसा दावा किया गया है कि वह स्थानीय तृणमूल कांग्रेस का नेता है। उसे कल रात गिरफ्तार कर लिया गया था।

शुक्रवार को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद पुलिस ने रविवार को एक मामला दर्ज किया।

पीटीआई वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका।

बयान में कहा गया है कि आयोग ने उत्तर दिनाजपुर जिले में एक जोड़े की लोगों के एक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पिटायी करने का स्वत: संज्ञान लिया है।

तीस जून को मीडिया में आई खबर के अनुसार, पीड़ित युगल के बीच प्रेम संबंध के आरोपों पर नाराज ग्रामीणों ने एक पंचायत में चर्चा की। बयान में कहा गया है कि इसके बाद आरोपियों ने दोनों की पिटायी शुरू कर दी।

आयोग ने कहा कि अगर समाचार की सामग्री सही है, तो जोड़े के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उत्पन्न होता है।

बयान में कहा गया है कि तदनुसार, आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बयान में कहा गया है कि इसमें पुलिस जांच की स्थिति, पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति और उन्हें प्रदान किए गए उपचार (यदि कोई हो) की जानकारी शामिल होनी चाहिए।

इसमें कहा गया है कि आयोग यह भी जानना चाहेगा कि राजनीतिक रूप से संरक्षित गुंडों द्वारा नागरिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की ऐसी घटनाएं फिर न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं या उठाए जाने का प्रस्ताव है।

नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि बदमाशों द्वारा कानून के भय के बिना किये गये इस कथित ‘क्रूर और शर्मनाक कृत्य’ से संकेत मिलता है कि राज्य के अधिकारियों ने अतीत में हुई शर्मनाक घटनाओं या एनएचआरसी द्वारा उठाई गई चिंता से ‘कोई सबक नहीं लिया है।’’

आयोग ने कहा कि यह ‘कोई अकेली घटना नहीं है’ जो हाल ही में पश्चिम बंगाल राज्य में हुयी है, जिसमें कानून को अनियंत्रित तत्वों ने अपने हाथ में लिया और निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं को प्रताड़ित किया।

आयोग ने कहा कि ‘जैसा कि तत्काल समाचार में बताया गया है, इसी तरह की एक घटना में, कूचबिहार में एक महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र करके पीटा गया था। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, आयोग ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि क्षेत्र में महिलाओं के साथ हुई अपमानजनक शर्मनाक घटनाओं का भी संज्ञान लिया है, जिसमें कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़े एक व्यक्ति ने महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार और अत्याचार किया था।

बयान में कहा गया है कि ‘इस मामले में, आयोग की एक सदस्य की अध्यक्षता में एक टीम ने मामले की मौके पर जांच करने के लिए दौरा भी किया था।’’

भाषा अमित रंजन

रंजन