Supreme Court Canteen on Navratri: सुप्रीम कोर्ट के कैंटीन में भी नवरात्रि का असर.. नहीं मिलेगा नॉनवेज और प्याज-लहसुन वाले आइटम, वकीलों ने जताया विरोध..

Non-veg will not be served in Supreme Court canteen on Navratri 'कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए मांसाहारी या प्याज-लहसुन वाला भोजन न परोसना हमारी बहुलवादी परंपराओं के अनुरूप नहीं है'

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 08:49 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 08:49 PM IST

Non-veg will not be served in Supreme Court canteen on Navratri: नई दिल्ली: देशभर में आज 3 अक्टूबर से शारदेय नवरात्री की शुरुआत हो चुकी हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस शक्ति और आस्था के पर्व का समापन 12 अक्टूबर को दशहरे के साथ होगा। देशभर में मातारानी के भक्त नवरात्री के नौ दिन आस्थावान रहकर व्रत करेंगे। कुछ अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे तो ज्यादातर हिन्दू परिवार इस पर्व के दौरान मांस-मटन का पूरी तरह त्याग कर देंगे। खुद देश के प्रधानमंत्री हर साल नवरात्रि पर उपवास रखते हैं।

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बहरहाल हम बात कर रहे हैं दिल्ली स्थित देश के सुप्रीम कोर्ट के कैंटीन की जहां नवरात्रि पर्व का प्रभाव देखने को मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक़ नवरात्री के नौ दिनों तक कोर्ट के कैंटीन में मांस-मटन वाले खाद्य नहीं परोसे जायेंगे। इतना ही नहीं बल्कि दूसरे सामानों में भी लहसुन और प्याज का इस्तेमाल भी नहीं होगा।

SCAORA अध्यक्ष ने लिखा खत

Non-veg will not be served in Supreme Court canteen on Navratri: वही इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) के अध्यक्ष ने चिंता जाहिर करते हुए पत्र लिखा है। पत्र में वकीलों द्वारा घर से अपना भोजन लाने और दूसरों पर कोई प्रतिबंध लगाए बिना नवरात्रि मनाने की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को स्वीकार किया गया है।

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पत्र में कहा गया है कि, “सुप्रीम कोर्ट कैंटीन सभी को भोजन उपलब्ध कराती है। हम सभी इस पर निर्भर हैं। कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए मांसाहारी या प्याज-लहसुन वाला भोजन न परोसना हमारी बहुलवादी परंपराओं के अनुरूप नहीं है और इसका परिणाम एक-दूसरे के प्रति सम्मान की कमी होगा।” पढ़े पूरा खत..

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