भुवनेश्वर, एक नवंबर (भाषा) ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किए गए ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कोई खुफिया सुरंग या कक्ष है।
मंत्री ने हालांकि कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद इसकी पुष्टि होगी।
हरिचंदन ने कहा कि सर्वे में कोई खुफिया रास्ता नहीं मिला जबकि मंदिर के कोषागार में कुछ दरारें आने के बारे में पता चला है।
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने मंदिर के खजाने में कीमती सामान और आभूषणों के गुप्त कक्षों के बारे में अटकलों के बीच जीपीआर सर्वेक्षण का अनुरोध किया था।
मंत्री ने कहा कि एएसआई द्वारा रत्न भंडार की मरम्मत पूरी करने के बाद भगवान जगन्नाथ के आभूषणों और कीमती सामानों की सूची बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई मरम्मत करना संभव नहीं है क्योंकि कार्तिक का पवित्र महीना होने के कारण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है।’’
उन्होंने कहा कि मरम्मत में एक महीने से अधिक समय लगने की उम्मीद है और कार्तिक पूर्णिमा के बाद दरारों को ठीक करने का एएसआई का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, ‘‘ मरम्मत पूरी हो जाने के बाद, कीमती सामान सूची बनाने के लिए भंडार में वापस लाया जाएगा।’’
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जोहेब धीरज
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