खुसरो, तुलसीदास की जन्म स्थलियों के संरक्षण के लिए कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार

खुसरो, तुलसीदास की जन्म स्थलियों के संरक्षण के लिए कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार

खुसरो, तुलसीदास की जन्म स्थलियों के संरक्षण के लिए कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार
Modified Date: March 24, 2025 / 04:20 pm IST
Published Date: March 24, 2025 4:20 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के एटा लोकसभा क्षेत्र में स्थित महान कवि गोस्वामी तुलसीदास और अमीर खुसरो की जन्मस्थलियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार के तहत ‘संरक्षित स्मारक नहीं हैं तथा किसी योजना के अंतर्गत इनके विकास एवं संरक्षण का कोई प्रस्ताव नहीं है।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी।

उनसे सवाल किया गया था कि क्या एटा संसदीय क्षेत्र में स्थित खुसरो और तुलसीदास की जन्मस्थली क्रमश: पटियाली और सोरों को उनके साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान के मद्देनजर किसी विशेष योजना के तहत संरक्षित और विकसित करने का प्रस्ताव है?

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शेखावत ने कहा कि एएसआई देश भर में 3,698 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों या स्थलों का संरक्षण करता है।

उनका कहना था, ‘‘हालांकि, एटा लोकसभा क्षेत्र में स्थित अमीर खुसरो और तुलसीदास जी के जन्मस्थान पटियाली और सोरों एएसआई के अधिकार क्षेत्र के तहत संरक्षित स्मारक नहीं हैं। वर्तमान में किसी भी योजना के तहत इन स्मारकों के संरक्षण और विकास का कोई प्रस्ताव नहीं है।’

पटियाली और सोरों कासगंज जिले के अंतर्गत आते हैं।

उल्लेखनीय है कि ख़ुसरो का जन्म 13वीं शताब्दी में और गोस्वामी तुलसीदास का 16वीं शताब्दी में हुआ था।

तुलसीदास ने पवित्र ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ की रचना की थी। खुसरो भी विद्वान थे तथा उन्हें उनके दोहों के लिए याद किया जाता है।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश


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