सिंगरेनी कोयला खदान के निजीकरण की कोई योजना नहीं : सरकार

सिंगरेनी कोयला खदान के निजीकरण की कोई योजना नहीं : सरकार

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  • Publish Date - July 24, 2024 / 01:39 PM IST,
    Updated On - July 24, 2024 / 01:39 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) सरकार की तेलंगाना में सिंगरेनी कोयला खदान कंपनी के निजीकरण की कोई योजना नहीं है तथा इसे और मजबूत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। कोयला एवं खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को यह बात लोकसभा में कही।

इस कोयला खनन कंपनी का संयुक्त स्वामित्व केंद्र सरकार और तेलंगाना सरकार के पास है। कंपनी के पास तेलंगाना के गोदावरी क्षेत्र में 350 किलोमीटर के क्षेत्र में मौजूद खनिज का स्वामित्व अधिकार है।

रेड्डी ने लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस के वीके गद्दम के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार की कोल इंडिया और कोयला खदान क्षेत्र के किसी भी सार्वजनिक उपक्रम के निजीकरण की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि सिंगरेनी कोयला खदान कंपनी के निजीकरण की कोई योजना नहीं है तथा इसका पूरा परिचालन सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

इस कंपनी में तेलंगाना सरकार की 51 प्रतिशत भागीदारी है जबकि शेष भागीदारी केंद्र की है।

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कोयला खदानों और कंपनियों के सभी कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखेगी।

कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रेड्डी ने कहा कि ऐसे मामलों में यदि सरकार प्रभावित लोगों को नौकरी नहीं देती तो उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी।

भाषा माधव वैभव माधव वैभव

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