बरेली। पत्नी थानेदार पर भी भारी पड़ती है इसका एक ताजा उदाहरण यूपी के बरेली जिले में देखने को मिला है। यहां दो थानेदारों ने ऐसी दलील देकर अपनी इच्छा से रिटायरमेंट मांगी है जिसके बाद यह साफ हो गया है कि पत्नी की अनदेखी करने की बातें सिर्फ जोक में होती है सच्चाई की दुनिया से उनका कोई वास्ता नही होता और सच्चाई यह है कि पत्नी की फिक्र सभी को होती है।
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ऐसे ही मामले में थानेदारों ने नौकरी से रिटायरमेंट मांगी है उनकी दलील है कि उनके बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे में पत्नी पूरे दिन घर में अकेली रहती है। उनका ख्याल रखने के लिए भी कोई नहीं है। ड्यूटी में अवकाश (छुट्टी) मिलता नहीं है, इसलिए हमें रिटायरमेंट दे दीजिये। डीआईजी ने गुहार लगाने वाले दोनों दारोगाओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया लेकिन जब दोनों नहीं मानें तो उनको रिटायरमेंट दे दिया।
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बरेली जोन के दो अलग-अलग जिलों में तैनात थानेदारों ने डीआईजी राजेश पांडेय से मिलकर रिटायरमेंट की अर्जी दी। अमरोहा में डिडौली थाने के सलामतपुर गांव के रहने वाले एसआई जयपाल सिंह का कहना है कि पुलिस की सेवा में छुट्टी मिल नहीं पाती है, छह-छह महीने वो घर का मुंह नहीं देख पाते हैं, इस कारण वो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) ले रहे हैं।
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वहीं शाहजहांपुर में गढ़िया रंगीन के दूसरे दारोगा नरेश भटनागर के मुताबिक उनकी पत्नी पुष्पा प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं, उनकी एक बेटी गाजियाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा रही है, बेटा एमटेक कर रहा है, नरेश ने बताया कि उनकी पत्नी एक महीने तक बीमार रहीं, वो अस्पताल में पड़ी रही, पत्नी के बीमार होने पर मेडिकल लीव भी नहीं मिल सकती है। इसलिए नौकरी छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
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