नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शुक्रवार को कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेंद्र प्रसाद की स्मृतियों के साथ न्याय नहीं किया गया, जबकि उनके कई समकालिकों का मानना था कि वह महात्मा गांधी के सच्चे उत्तराधिकारी थे।
यहां डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान देते हुए हरिवंश ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति एक साधारण पृष्ठभूमि वाले महान व्यक्ति थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वह दिखने में साधारण थे, लेकिन वह एक महान व्यक्ति थे। वह एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, अंतरिम सरकार में मंत्री और कांग्रेस तथा संविधान सभा के अध्यक्ष थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस दौर के सभी प्रमुख गांधीवादियों ने कहा कि वह गांधी के एकमात्र सच्चे उत्तराधिकारी थे।’’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उनके बारे में पर्याप्त चर्चा नहीं की गई और इस संबंध में उन्होंने प्रख्यात लेखक हरिवंश राय बच्चन का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘राजेंद्र बाबू को देश कम जानता है या यूं कहें कि उनके बारे में कम बात की गई। यह मैं नहीं कह रहा हूं। हरिवंश राय बच्चन जैसे प्रख्यात लेखक ने यह कहा है।’’
उन्होंने कहा कि प्रसाद का गांव भी वर्षों तक खंडहर में पड़ा रहा और समकालीन सरकारों द्वारा उसकी उपेक्षा की गई है।
उपसभापति ने कहा, ‘‘1980 के दशक में उनका गांव खंडहर में तब्दील हो चुका था। उनके गांव के एक व्यक्ति ने (पूर्व प्रधानमंत्री) चंद्रशेखर जी से कहा कि कम से कम उनके घर की मरम्मत तो करवा दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब चंद्रशेखर जी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजकर उनके घर की मरम्मत करवायी। जब 2005 में नीतीश कुमार (बिहार के) मुख्यमंत्री बने, तो इलाके का विकास हुआ।’’
प्रसाद जन्म बिहार के सीवान जिले के एक गांव जीरादेई में हुआ था।
भाषा
राजकुमार रंजन
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