No evidence of whether rape was committed before the murder says police

9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में पुलिस बोली- हत्या से पहले बलात्कार किया गया था या नहीं, इसके सबूत नहीं

दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत से कहा है कि यह पुष्टि करने के लिए अब तक कोई सबूत एकत्र नहीं किया जा सका है...

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : August 13, 2021/5:51 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत से कहा है कि यह पुष्टि करने के लिए अब तक कोई सबूत एकत्र नहीं किया जा सका है कि इस महीने की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित दिल्ली छावनी के पास कथित तौर पर हत्या किये जाने से पहले नौ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था या नहीं।

Read More News: नौकरी तलाशने राजधानी आई नवविवाहिता से गैंगरेप, झांसा देकर पति को कर दिया था रवाना

मामले के जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत को बताया कि चारों आरोपियों के बयानों से पता चला है कि उनमें से दो – श्मशान घाट के 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम और उसके कर्मचारी कुलदीप सिंह – ने पीड़ित लड़की के साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या कर दी थी।

जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि अन्य आरोपियों – सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण (दोनों श्मशान में कर्मचारी) ने मृतक बच्ची का अंतिम संस्कार करने में उनकी मदद की थी।

अदालत ने 12 अगस्त को पारित आदेश में कहा, ‘‘जांच अधिकारी ने स्वीकार किया है कि न तो किसी चश्मदीद गवाह का कोई बयान और न ही कोई अन्य सबूत, जिसमें चिकित्सा या वैज्ञानिक शामिल हैं, यह पुष्टि करने के लिए एकत्र किया जा सका है कि पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था या नहीं। उन्होंने कहा है कि इस स्तर पर, वह निर्णायक रूप से यह नहीं कह सकता कि पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था या नहीं।’’

Read More News: सोना-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट, 2 हफ्ते में 2000 रुपए हुआ सस्ता, देखें 10 ग्राम गोल्ड का रेट?

पुलिस के समक्ष आरोपी व्यक्तियों के खुलासे वाले बयान, जब तक कि अन्य सबूतों द्वारा समर्थित न हों, कानून के तहत स्वीकार्य नहीं होते।

इस बीच, विशेष न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने बच्ची की मां को 2.5 लाख रुपये उसकी बच्ची की मृत्यु के लिए ‘‘अंतरिम राहत’’ के रूप में प्रदान किये।

अदालत ने हालांकि पीड़िता के कथित बलात्कार के अतिरिक्त आधार पर ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए और अंतरिम राहत नहीं दी कि जांच एजेंसी खुद इसको लेकर आश्वस्त नहीं है कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था या नहीं।

न्यायाधीश ने संबंधित पक्षों को बलात्कार को लेकर मुआवजे के संबंध में एक नया आवेदन पेश करने की स्वतंत्रता दी, यदि जांच एजेंसी आगे और सामग्री एकत्र करती है या इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था।

Read More News:  अमेरिका में शुरु हुआ भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न, टाइम्स स्क्वायर पर फहराया जाएगा सबसे बड़ा ध्वज

एक सरकारी योजना के अनुसार, मृत्यु के मामले में अधिकतम मुआवजा 10 लाख रुपये है। अदालत ने मुआवजे की राशि का 25 फीसदी अंतरिम राहत के तौर पर मंजूर किया।

इस बीच, अदालत ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ये सभी बच्ची की मां से परिचित थे।

प्राथमिकी के अनुसार, बच्ची के साथ बलात्कार किया गया, उसकी हत्या कर दी गई और फिर उसके माता-पिता की सहमति के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले को हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा सौंपा गया था।

Read More News: अफगानिस्तान से असैन्य कर्मियों की सुरक्षित वापसी के लिए काबुल में सैनिकों को तैनात कर रहा अमेरिका

दिल्ली पुलिस ने बच्ची की मां के बयान के आधार पर चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिन्होंने आरोप लगाया था कि 1 अगस्त को उनकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया, उसकी हत्या की गई और परिवार की सहमति के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376 और 506 के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।