कानून बनने के बाद से तीन तलाक के मामलों पर कोई केंद्रीय आंकड़ा नहीं रखा गया है: केंद्र सरकार

कानून बनने के बाद से तीन तलाक के मामलों पर कोई केंद्रीय आंकड़ा नहीं रखा गया है: केंद्र सरकार

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  • Publish Date - March 12, 2025 / 10:12 PM IST,
    Updated On - March 12, 2025 / 10:12 PM IST

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि देश में ‘तीन तलाक’ पर कानून पारित होने के बाद से दर्ज मामलों की संख्या से संबंधित कोई आंकड़ा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा गया है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि पुलिस और लोक व्यवस्था भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य के विषय हैं।

उन्होंने ‘तीन तलाक’ कानून पारित होने के बाद से दर्ज मामलों की संख्या के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘इस तरह का कोई डेटा केंद्र द्वारा नहीं रखा जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकारें मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 सहित कानूनों के मौजूदा प्रावधानों के तहत अपराधों से निपटने में सक्षम हैं।’’

तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद तीन तलाक संबंधी कानून 19 सितंबर 2018 से प्रभावी हो गया था।

इस कानून में तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश