तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में प्राप्त 712.98 करोड़ रुपये से वायनाड भूस्खलन में जीवित बचे प्रभावितों की मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र से अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है।
विजयन ने कहा कि राज्य ने शुरू में केंद्र सरकार से भूस्खलन पुनर्वास के लिए 2,221 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन आपदा पश्चात आवश्यकता आकलन (पीडीएनए) रिपोर्ट के अनुसार इससे अधिक राशि मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने वायनाड भूस्खलन को ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित किया है, इसलिए देश भर के सांसद एक करोड़ रुपये तक की धनराशि का योगदान कर सकते हैं और मैंने मदद के लिए देश के सभी सांसदों को पत्र लिखा है।’’
मुख्यमंत्री विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विधायक कुरुक्कोली मोइदीन द्वारा वायनाड पैकेज के लिए प्राप्त राशि के संबंध में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
विजयन ने कहा कि सीएमडीआरएफ में प्राप्त धनराशि का उपयोग आपदा से बचे लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा और पुनर्वास प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित ‘टाउनशिप’ से बाहर रहने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 15 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
विपक्षी यूडीएफ ने भूस्खलन में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को आपदा के छह महीने बाद भी उपचार लागत का भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया और इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।
विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने भी कहा कि प्रस्तावित भवनों के लिए निर्धारित 30 लाख रुपये की राशि को लेकर अनिश्चितता है और पुनर्वास प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए राशि को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।
विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए विजयन ने आश्वासन दिया कि तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल ने 61 दिनों के भीतर पुनर्वास के लिए भूमि को अपने कब्जे में लेने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने 30 जुलाई के विनाशकारी भूस्खलन में जीवित बचे लोगों के लिए वायनाड जिले के कलपेट्टा में एलस्टोन एस्टेट पर 58.50 हेक्टेयर और मेप्पाडी पंचायत में नेदुम्पला एस्टेट में 48.96 हेक्टेयर भूमि पर ‘मॉडल टाउनशिप’ बनाने के लिए पुनर्वास परियोजना पर निर्णय लिया है।
भाषा यासिर मनीषा
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