एनएमसी ने अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में समलैंगिकता और कुकर्म के बारे में दिशानिर्देश वापस लिए

एनएमसी ने अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में समलैंगिकता और कुकर्म के बारे में दिशानिर्देश वापस लिए

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  • Publish Date - September 5, 2024 / 11:03 PM IST,
    Updated On - September 5, 2024 / 11:03 PM IST

नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने बृहस्पतिवार को योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम के तहत उन दिशानिर्देशों को वापस ले लिया और रद्द कर दिया, जिसमें चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे स्नातक छात्रों के लिए ‘फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी’ पाठ्यक्रम में अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में कुकर्म और समलैंगिकता को फिर से शामिल किया गया था।

ये दिशानिर्देश 31 अगस्त को जारी किये गये थे।

एनएमसी ने कहा, “यह सूचित किया जाता है कि दिनांक 31 अगस्त 2024 का समसंख्यक परिपत्र, जिसके द्वारा योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम (सीबीएमई) 2024 के अंतर्गत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, तत्काल प्रभाव से “वापस ले लिया गया है और रद्द” किया गया है। उपरोक्त दिशा-निर्देशों को यथासमय संशोधित कर अपलोड किया जाएगा।”

कुकर्म और समलैंगिकता के अलावा, एनएमसी ने ‘हाइमन’ और उसके प्रकार, तथा कौमार्य और कौमार्य-विच्छेदन, वैधता और उसके चिकित्सीय-कानूनी महत्व को परिभाषित करने जैसे विषयों को भी उठाया था। मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 2022 में इन विषयों को समाप्त कर दिया गया।

भाषा

प्रशांत संतोष

संतोष