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पटनाः Nitish Kumar leave NDA महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया है, जिसके बाद से ये कयास लगाया जा रहा है कि आरजेडी और बीजेपी का गठबंधन कभी भी खत्म हो सकता है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि एनडीए के चार कार्यक्रमों में सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी नहीं थी। वहीं, बीते दिनों आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से कयासों का बाजार गर्म है। इसी बीच खबर आ रही है कि सीएम नीतीश कुमार ने आज JDU विधायकों की बैठक बुलाई है। वहीं आरजेडी ने भी अपने विधायकों को मंगलवार को बैठक में बुलाया है।
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Nitish Kumar leave NDA वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से भी संपर्क किया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि इस समय कांग्रेस भी केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर चुकी है। एक तरफ सोनिया और राहुल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और दूसरी तरफ महंगाई को लेकर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है।
भाजपा और आरजेडी के संबंधों पर गौर करें तो पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच संबंध ठीक नहीं हैं। इसकी शुरुआत पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफे से हुई थी। उनपर अकूत संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इससे पहले वह जब केंद्र में जेडीयू के एक मात्र मंत्री थे तब भी पार्टी ने उनका राज्य सभा का टिकट काट दिया था। इस तरह उन्हें मंत्री पद खोना पड़ा था।
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वहीं, केंद्र के कार्यक्रमों में नीतीश कुमार शामिल नहीं हो रहे हैं। सबसे पहले 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में ’हर घर तिरंगा’ अभियान को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें नीतीश कुमार नहीं शामिल हुए थे। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी आमंत्रण के बावजूद नीतीश कुमार नहीं पहुंचे।
इसके बाद 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहम समारोह में भी बिहार के सीएम को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे। फिर 7 अगस्त को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक थी लेकिन नीतीश कुमार ने इससे भी कन्नी काट लिया। इसी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में नीतीश और एनडीए के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो जाहिर सी बात है कि बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन की सरकार गिर जाएगी।