इंफाल। JDU withdraws support from BJP Govt : मणिपुर के हालात अभी कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। कांग्रेस लगातार मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार को घेरती नजर आ रही है। तो वहीं मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी उठ रहे हैं। अभी भी मणिपुर में हालात उतने सामान्य नहीं हैं। मणिपुर हिंसा के मामले में बीजेपी अभी भी चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में अब मणिपुर में नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी को तगड़ा झटका दे दिया है। मणिपुर सरकार से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।
बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है इससे मणिपुर में भाजपा सरकार को झटका लगा है। मणिपुर में जदयू के कुल छह विधायक हैं। हालांकि इनमें से पांच विधायक पहले ही भाजपा में शामिल हो गये थे। अब जदयू के पास केवल एक विधायक थे, अब उसने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है। अब इसके एकमात्र विधायक विपक्ष की बेंच पर बैठेंगे। हालांकि इस घटनाक्रम का सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह एक कड़ा संदेश है क्योंकि जेडीयू केंद्र और बिहार में भाजपा की प्रमुख सहयोगी है।
बता दें कि मणिपुर की जेडीयू इकाई के प्रमुख केएस बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर इस घटनाक्रम की जानकारी दी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि फरवरी/मार्च, 2022 में मणिपुर विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा खड़े किए गए छह उम्मीदवारों को वापस कर दिया गया।
बता दें कि साल 2022 विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने राज्य की छह सीटें जीतीं। हालांकि, पांच महीनों बाद छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 37 विधायक हैं। इसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे इसे आरामदायक बहुमत मिल गया है।
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