नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह 2006 के निठारी सिलसिलेवार हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किये जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह मामला उत्तर प्रदेश के निठारी में हुई ‘‘बेहद वीभत्स’’ हत्याओं से जुड़ा है।
कोली के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जो मामले में कोली के पुलिस हिरासत में रहने के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था।
पीठ ने अपनी रजिस्ट्री को अन्य संबंधित मामलों में निचली अदालत के रिकॉर्ड को जल्द तलब करने और मामले में उपस्थित वकीलों को इसकी प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च के लिए निर्धारित की गई।
वर्ष 2024 में, शीर्ष अदालत ने कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। उच्च न्यायालय ने 16 अक्टूबर, 2023 को कोली को बरी किया था।
पीठ ने याचिकाओं पर कोली से जवाब मांगा था और इसे इसी तरह की लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था।
कोली को 28 सितंबर, 2010 को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक कोली पर उत्तर प्रदेश के निठारी में अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों की हत्या का आरोप था, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। कई पीड़ितों के साथ बलात्कार भी किया गया था।
उच्च न्यायालय ने मामले में दोनों को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को ‘‘संदेह से परे’’ साबित करने में विफल रहा है।
उच्च न्यायालय ने एजेंसियों की जांच पर सवाल उठाते हुए 12 मामलों में कोली और दो मामलों में पंढेर को दी गई मौत की सजा को पलट दिया था।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप