कोझिकोड। केरल में निपाह वायरस के कारण अब तक 16 लोगों की मौत के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने इसका प्रकोप और बढ़ने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा है कि प्रभावित लोगों के संपर्क में आए सभी लोग अभी भी वायरस के इनक्यूबेटिंग काल में हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी तरह के डर या दहशत में आने की जरूरत नहीं है, लेकिन सभी तरह के संभव एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘हमने शुरुआत में संकेत दिया था कि इसका दूसरा प्रकोप भी हो सकता है और प्रभावितों के संपर्क में आए कमजोर लोग इसका शिकार हो सकते हैं। ऐसे सभी लोगों पर नजर रखी जानी चाहिए। जांच से केवल उपयुक्त समय पर पता चल सकेगा, जब निपाह वायरस के लक्षण सामने आएंगे। इसलिए सभी लोग जो पहले प्रभावित लोगों के संपर्क में आए हैं, उन्हें कोझिकोड में स्थापित विशेष नियंत्रण कक्ष के संपर्क में बने रहना होगा’।
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उन्होंने बताया कि अब तक 18 लोगों के निपाह से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 16 की मौत हो चुकी है। बाकी दो लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। माना जा रहा है कि निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों, सूअरों व दूसरे निपाह प्रभावित लोगों से मानव में फैलता है। हालांकि, वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए एक खास प्रकार के चमगादड़ों का कई नमूने लिए गए, लेकिन उनमें जांच नकारात्मक पाई गई।
इस बीच हालात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को अपनी सभी परीक्षाएं 16 जून तक के लिए स्थगित कर दीं। राज्य के सभी स्कूलों में नया अकादमिक सत्र शुक्रवार से शुरू हुआ, जबकि कोझीकोड में स्कूल 5 जून को खुलेंगे।
वेब डेस्क, IBC24