ISRO Aditya L1 Updates: आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के पीछे किसान की बेटी की सबसे बड़ी भूमिका, जाने कौन है प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी

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  • Publish Date - September 2, 2023 / 09:49 PM IST,
    Updated On - September 2, 2023 / 09:49 PM IST

बेंगलुरु : चंद्रयान 3 की सफलता के बाद आज इसरो ने एक और नई और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इसरो ने सूर्ययान के तौर पर आज आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग भी पूरी की। (Nigar shaji ISRO Aditya L1 Updates) आदित्य एल 1 भारत और इसरो दोनों की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जिसका मकसद सूर्य से जुड़े रहस्यों को सुलझाना है। आदित्य एल 1 सूर्य से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर रहकर उसकी गतिविधियों का अध्ययन करेगा और आंकड़े भेजेगा। आज जैसे ही श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से आदित्य एल 1 ने उड़ान भरी सभी वैज्ञानिक ख़ुशी से झूम उठे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो की टीम को इस सफलता के लिए बधाई और शुभकामनायें दी।

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वही यह पूरा प्रोजेक्ट कई लिहाज से इसरो के लिए बेहद अहम रहा। बात करे इससे जुड़े मैनेजमेंट की तो इस प्रोजेक्ट को लीड करने वाली महिला वैज्ञानिक एक किसान की बेटी है। वैज्ञानिक का नाम निगार शाजी है। निगार इस पूरे परियोजना को सफल बनाने में महीनो से जुटी हुई थी। वह इस प्रोजेक्ट की लीडर भी रही।

कौन है निगार शाजी

अंतरिक्ष अन्वेषण की दुनिया में निगार की यात्रा 1987 में शुरू हुई जब वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक प्रमुख शाखा, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAAR) में शामिल हुईं। उनके समर्पण और विशेषज्ञता ने उन्हें बेंगलुरु के सैटेलाइट सेंटर तक पहुंचाया, जहां उन्होंने आदित्य-एल1 परियोजना निदेशक का महत्वपूर्ण पद संभालने से पहले विभिन्न भूमिकाएं निभाईं।

उपग्रह डिजाइन में भूमिका

आदित्य-एल1 मिशन में शामिल होने से पहले निगार शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतरग्रहीय उपग्रहों के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से उन्होंने भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह रिसोर्स सैट-2ए के लिए एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। इस क्षेत्र में उनके काम में छवि संपीड़न, सिस्टम इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष इंटरनेट प्रौद्योगिकियों पर शोध शामिल था।

क्या ढूंढेगा आदित्य एल 1

आदित्य एल-1 भारत की पहली अंतरिक्ष ऑब्जर्वेटरी बनेगा जिसके जरिए सूर्य का अध्ययन किया जाएगा। आदित्य एल-1 सूर्य फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सबसे बाहरी लेयर कोरोना की अलग-अलग कलर बैंड में स्टडी करेगा। इसरो का कहना है कि आदित्य ए-1 पेलोड के सूट कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कण और मैग्नेटिक फील्ड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करेगा।

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