रांची, पांच अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने झारखंड और पड़ोसी राज्यों में प्रतिबंधित माओवादी संगठन ‘पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएलएफआई) को पुनर्जीवित करने के प्रयासों से संबंधित एक मामले में दो आरोपियों के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
एनआईए ने झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में विभिन्न कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर, रेलवे ठेकेदारों, व्यापारियों और अन्य लोगों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाने में पीएलएफआई के सदस्यों की संलिप्तता के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए अक्टूबर 2023 में मामला दर्ज किया था।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि पीएलएफआई के इन सदस्यों ने लोगों खासकर व्यापारियों और ठेकेदारों के बीच आतंक फैलाने के लिए हत्या, आगजनी और हमलों सहित विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की भी साजिश रची थी।
एनआईए द्वारा जांच करने पर इन गतिविधियों में पीएलएफआई के दो सदस्यों की संलिप्तता का पता चला।
बयान में कहा गया है कि रांची में दायर पूरक आरोपपत्र में असम के धेमाजी जिले के कपिल पाठक उर्फ राणा सिंह उर्फ अर्जुन राणा उर्फ पंडित जी और झारखंड के खूंटी के बिनोद मुंडा उर्फ सुक्खू उर्फ दहुरा का नाम शामिल है।
कपिल पाठक पीएलएफआई की ओडिशा राज्य समिति का प्रमुख था, जबकि बिनोद मुंडा झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा का एरिया कमांडर था।
भाषा प्रीति अविनाश
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