नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने केंद्र और कर्नाटक सरकार को उन खबरों पर नोटिस जारी किया है, जिनमें कहा गया है कि पिछले साल दिसंबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल द्वारा कल्याणकारी योजना का लाभ देने से इनकार करने पर 72 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
एनएचआरसी ने कहा कि अगर खबर की सामग्री सही है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि एनएचआरसी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट में कर्नाटक, अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के कार्यान्वयन की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी शामिल किए जाने की भी उम्मीद है।
एनएचआरसी ने कहा कि उसने ‘‘मीडिया में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है कि 72 वर्षीय व्यक्ति ने 25 दिसंबर, 2024 को आत्महत्या कर ली, क्योंकि कर्नाटक के बेंगलुरु में राज्य सरकार द्वारा संचालित किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी ने उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये का कवर देने से इनकार कर दिया।’’
भाषा शफीक प्रशांत
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