नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें अपने समक्ष पेश होने और यह बताने के लिए कहा है कि उल्लंघनकर्ता पर जुर्माना लगाने के अधिकरण के आदेश का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
पिछले साल मई में एनजीटी ने सदस्य सचिव को सिरी फोर्ट परिसर के पास एशियाड टॉवर के आसपास लगभग 18,500 वर्ग मीटर हरित क्षेत्र का व्यावसायिक उद्देश्यों जैसे विवाह और पार्टियों के लिए अनधिकृत उपयोग करने के लिए एक निजी बैंक्वेट (झंकार बैंक्वेट्स) पर पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाने का निर्देश दिया था।
अधिकरण ने शुक्रवार को पारित अपने आदेश में कहा कि डीपीसीसी ने 10 दिसंबर, 2024 को एक कार्रवाई रिपोर्ट दायर की थी जिसमें कहा गया था कि हरित पैनल के पहले के आदेश के बावजूद पर्यावरण जुर्माना नहीं लगाया गया था और उसका इरादा जुर्माना लगाने का नहीं था।
इसमें कहा गया, ‘‘हम डीपीसीसी के सदस्य सिचव को निर्देश देते हैं कि वह अधिकरण के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस बात का कारण बताएं कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की धारा 26 के तहत कार्यवाही शुरू करके न्यायाधिकरण के आदेश का उनकी ओर से किये गए उल्लंघन के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकती है।’’
एनजीटी अधिनियम की धारा 26 अधिकरण के आदेशों, सजा या निर्णयों का पालन करने में विफल रहने पर दंड का प्रावधान करती है। इस मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 19 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।
भाषा
संतोष माधव
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