नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के संभल के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) पर अधिकरण के समक्ष उपस्थित नहीं होने के कारण 10,000 रुपये जुर्माना लगाया है।
हरित निकाय ने जिले में पटाखों के एक अवैध गोदाम में हुए विस्फोट के पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। अवैध पटाखा गोदाम में पिछले साल 13 जून को आग लगने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई थी और सात अन्य लोग घायल हुए थे।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने तीन अक्टूबर को जारी आदेश में कहा कि अधिकरण ने 16 जुलाई को पारित अपने आदेश में डीएम को उसके समक्ष उपस्थित रहने और उसे तथ्यों से अवगत कराने का निर्देश दिया था।
पीठ में न्यायिक सदस्य के तौर पर न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि सूचित किए जाने के बावजूद डीएम अनुपस्थित थे।
उसने कहा, ‘‘इसलिए, हम संभल के जिला मजिस्ट्रेट पर अधिकरण के आदेश का पालन नहीं करने और न्यायाधिकरण की सहायता नहीं करने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हैं।’’
अधिकरण ने कहा, ‘‘दो सप्ताह के भीतर जुर्माना राशि जमा कराई जाए। डीएम को पिछले आदेशों का पालन करने और अगली सुनवाई की तारीख (सात जनवरी) पर उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है।’’
भाषा सिम्मी रंजन
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