नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के खातिर प्लास्टिक और अन्य अपशिष्टों को जलाये जाने के विरूद्ध लगातार कड़ी चौकसी रखने का निर्देश दिया है।
अधिकरण मुंडका गांव के सतीश कुमार और टिकरी कलां के महावीर सिंह की अर्जियों पर सुनवाई कर रहा है जिनमें मुंडका और नीलवाल गांवों में कृषि जमीन पर प्लास्टिक, चमड़े, रबड़, मोटर इंजन ऑयल और अन्य अपशिष्ट चीजों को जलाने तथा लगातार अवैध औद्योगिक इकाइयों के चलने से प्रदूषण फैलने का आरोप लगाया गया है।
एनजीटी ने कहा कि वायु प्रदूषण से संबंधित मामला सात साल से भी अधिक समय से लंबित है और उसे इतने अनिश्चित काल के लिए रखना जरूरी नहीं जान पड़ता है।
अधिकरण ने कहा, ‘‘ कानून के मुताबिक पर्यावरण नियमों को लागू कराने की दिशा में लगातार कदम उठाना संवैधानिक प्राधिकरणों के लिए जरूरी है।’’
उसने कहा, ‘‘ तद्नुसार, हम इस आशा के साथ इस सुनवाई को बंद करते हैं कि संबंधित प्रशासन पर्यावरण नियमों को बनाये रखने के लिए जरूरी कदम उठायेगा। पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के खातिर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों खासकर प्लास्टिक और अन्य अपशिष्टों को जलाये जाने के विरूद्ध सतत चौकसी हो।’’
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उल्लंघनकर्ताओं से प्राप्त क्षतिपूर्ति की राशि का सीपीसीबी की मंजूरी से वैध उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
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राजकुमार नरेश
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