नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के लिए बनाए जा रहे मार्ग पर हरित आवरण के कथित नुकसान पर अधिकारियों की रिपोर्ट में ‘खामियां’ मिलने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
हरित निकाय गाजियाबाद जिले के मुरादनगर और उत्तराखंड सीमा के निकट मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी के बीच प्रस्तावित मार्ग के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन प्रभागों के संरक्षित वन क्षेत्रों में एक लाख से अधिक पेड़ों और झाड़ियों की कथित कटाई से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी ने पहले राज्य प्राधिकारियों, भारतीय सर्वेक्षण विभाग और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 25 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों में कुछ ‘‘विसंगतियां’’ थी।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि ‘‘कुछ निश्चित क्षेत्रों’’ में पेड़ों की कटाई हुई है, लेकिन इन स्थानों का उल्लेख नहीं किया गया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी।
भाषा देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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