नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश के धनौरी आर्द्रभूमि से तेजी से फैलने वाली जलकुंभियों की प्रजातियों को हटाए।
हरित निकाय उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले के दनकौर ब्लॉक स्थित आर्द्रभूमि को रामसर स्थल घोषित करने के संबंध में दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 25 सितंबर को दिये फैसले में रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता के वकील आकाश वशिष्ठ ने अधिकरण को सूचित किया है कि जलकुंभी की वजह से आर्द्रभूमि ‘‘गंभीर रूप से प्रभावित’’ है।
पीठ ने कहा, ‘‘राज्य अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएं।’’
इस पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान वशिष्ठ ने सूचित किया कि धनौरी आर्द्रभूमि को रामसर स्थल घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, लेकिन अबतक इसे राज्य के प्रधान वन सरंक्षक द्वारा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा नहीं गया है।
इसपर अधिकरण ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार के वकील इस मामले में निर्देश प्राप्त करें और इस संबंध में तैयार रहें।’’ एनजीटी अब इस मामले पर सात जनवरी को अगली सुनवाई करेगी।
भाषा धीरज सुरेश
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