नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक याचिकाकर्ता से उत्तरी दिल्ली में यमुना नदी से अवैध रेत खनन के आरोपों के संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) या खनन विभाग से संपर्क करने को कहा है।
अधिकरण ने समिति या विभाग को यह पता लगाने में सक्षम बनाने के लिए आदेश दिया कि अवैध गतिविधियां किस स्तर तक हो रही हैं।
अधिकरण ने जगतपुर गांव के प्रधान की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
याचिका में आरोप लगाया कि रेत माफिया क्षेत्र में भारी मात्रा में रेत अवैध रूप से निकाल रहा है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि दिल्ली के जगतपुर और बुराड़ी गांवों के पास बनाए गए एक छोटे बांध में अनधिकृत गतिविधियों के कारण दरारें आ गई हैं।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 24 दिसंबर को पारित आदेश में कहा कि शिकायत की जांच सबसे पहले डीपीसीसी या खनन विभाग द्वारा की जानी चाहिए ताकि अवैध खनन की ‘‘वास्तविकता और उसके स्तर’’ का पता लगाया जा सके।
अधिकरण ने कहा, “इसलिए हम याचिका का निपटारा करते हैं और याचिकाकर्ता को डीपीसीसी के सदस्य सचिव या फिर खनन विभाग के सचिव के समक्ष शिकायत दायर करने की अनुमति देते हैं, जो शिकायत प्राप्त होने पर मौके का निरीक्षण करेंगे और कानून के अनुसार शीघ्रता से उचित उपचारात्मक व दंडात्मक कार्रवाई करेंगे। ”
भाषा जितेंद्र सिम्मी
सिम्मी