नए नियमों से वैज्ञानिक और नीतिपरक अनुसंधान को बढ़ावा मिला है: अनुप्रिया पटेल

नए नियमों से वैज्ञानिक और नीतिपरक अनुसंधान को बढ़ावा मिला है: अनुप्रिया पटेल

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  • Publish Date - October 16, 2024 / 05:50 PM IST,
    Updated On - October 16, 2024 / 05:50 PM IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को कहा कि नया औषधि एवं नैदानिक परीक्षण नियम 2019 तथा चिकित्सा उपकरण नियम 2017 ने वैश्विक अपेक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप वैज्ञानिक और नीतिपरक अनुसंधान को बढ़ावा दिया है।

उन्होंने आज यहां औषधि विनियामक प्राधिकरणों (आईसीडीआरए) के 19वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की।

पटेल ने कहा, “आईसीडीआरए केवल एक सम्मेलन नहीं है; यह हमारे लिए सहयोग करने, नवाचार करने और सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य के हमारे साझा मिशन में एक-दूसरे का सहयोग करने का अवसर है। हम नियमन में कितना अच्छा काम कर रहे हैं – हमारे प्रयासों से दुनिया भर के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सामने आ सकते हैं।”

यह कार्यक्रम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से भारत में पहली बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा 14 से 18 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें 200 से अधिक देशों के नियामक प्राधिकरण, नीति निर्माता और स्वास्थ्य अधिकारी भाग ले रहे हैं।

पटेल ने सत्र को संबोधित करते हुए भारत में लागू किए गए नए नियमों और नियामक प्रक्रियाओं पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “क्लीनिकल ट्रायल के क्षेत्रों में नए नियमों को नया औषधि एवं नैदानिक परीक्षण नियम 2019 तथा चिकित्सा उपकरण नियम 2017 के रूप में प्रकाशित किया गया है और इनसे वैश्विक अपेक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप वैज्ञानिक और नीतिपरक अनुसंधान को बढ़ावा मिला है। चिकित्सा उपकरण नियमों में जोखिम-आधारित वर्गीकरण, पंजीकरण के माध्यम से सभी उपकरणों को विनियमन के तहत लाना और नियामक मार्ग तैयार करना शामिल है।”

उन्होंने आगे कहा कि सभी चिकित्सा उपकरणों और निदान के लिए मजबूत पूर्व-अनुमोदन और अनुमोदन-पश्चात नियामक प्रक्रियाएं मौजूद हैं।

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा