नए आपराधिक कानून: क्रियान्वयन संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए बीपीआरडी में नियंत्रण कक्ष

नए आपराधिक कानून: क्रियान्वयन संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए बीपीआरडी में नियंत्रण कक्ष

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  • Publish Date - July 1, 2024 / 09:29 PM IST,
    Updated On - July 1, 2024 / 09:29 PM IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों तथा न्यायिक अधिकारियों के मुद्दों को हल करने के लिए यहां पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

बीपीआरडी पर देश में बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए नीतियां बनाने का जिम्मा है। यह गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधीन काम करता है।

बीपीआरडी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) की तैयारी और क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग बनाया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘ बीपीआरडी में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष काफी समय से क्रियाशील है और यह तीनों आपराधिक कानूनों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों को मार्गदर्शन दे रहा है।’’

उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्ष में बीपीआरडी, पुलिस और कानूनी संस्थाओं के तकनीकी और कानूनी विशेषज्ञ मौजूद हैं, यहां तक ​​कि गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री भी इस नियंत्रण कक्ष में समीक्षा कर रहे हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण कक्ष संबंधित एजेंसियों के साथ मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) और मॉडल दिशा-निर्देशों तथा आदेशों को प्रसारित करने का भी काम कर रहा है।

भाषा शोभना रंजन

रंजन