नई दिल्ली। नेपाल के एक नक्शे ने भारत के साथ एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। नेपाल के नए नक़्शे में लिम्पियाधुरा कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है।
लिम्पियाधुरा, लिपुलेक र कालापानीसहितका भूभाग समेट्दै ७ प्रदेश, ७७ जिल्ला र ७५३ स्थानीय तहको प्रशासनिक विभाजन खुल्ने गरी नेपालको नक्सा प्रकाशित गर्ने मन्त्रिपरिषदको निर्णय । आधिकारिक नक्सा भूमिव्यवस्था मन्त्रालयले छिटै सार्वजनिक गर्दैछ ।
— Pradeep Gyawali (@PradeepgyawaliK) May 18, 2020
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नेपाल की कैबिनेट ने इसे अपना जायज़ दावा क़रार देते हुए कहा कि महाकाली (शारदा) नदी का स्रोत दरअसल लिम्पियाधुरा ही है जो फ़िलहाल भारत के उत्तराखंड का हिस्सा है।
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नेपाल की कैबिनेट का फ़ैसला भारत की ओर से लिपुलेख इलाक़े में सीमा सड़क के उद्धाटन के दस दिनों बाद आया है। लिपुलेख से होकर ही तिब्बत चीन के मानसरोवर जाने का रास्ता है। इस सड़क के बनाए जाने के बाद नेपाल ने कड़े शब्दों में भारत के क़दम का विरोध किया था।
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दरअसल छह महीने पहले भारत ने अपना नया राजनीतिक नक़्शा जारी किया था जिसमें जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख़ के रूप में दिखाया गया था। इस मैप में लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को भारत का हिस्सा बताया गया था। नेपाल इन इलाक़ों पर लंबे समय से अपना दावा जताता रहा है।
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नेपाल के कृषि और सहकारिता मामलों के मंत्री घनश्याम भुसाल के मुताबिक “यह नई शुरुआत है, लेकिन यह नई बात नहीं है। हम हमेशा से यह कहते आए हैं कि महाकाली नदी के पूरब का हिस्सा नेपाल का है। अब सरकार ने आधिकारिक तौर पर उसे नक़्शे में भी शामिल कर लिया है.”