कोच्चि, 12 दिसंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में न तो सत्तारूढ़ मोर्चे और न ही विपक्ष को सड़कों और फुटपाथों पर लोगों के आवागमन के अधिकार को अवरुद्ध करके जनसभाएं करने की अनुमति दी जा सकती है।
न्यायमूर्ति अनिल के नरेन्द्रन और न्यायमूर्ति मुरली कृष्ण एस की पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने पुलिस से यह भी पूछा कि पांच दिसंबर को तिरुवनंतपुरम में वंचियूर अदालत परिसर और थाने के बाहर आयोजित माकपा के पलायम क्षेत्र सम्मेलन में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे।
उच्च न्यायालय ने पुलिस से पूछा कि वह जनसभा में भाग लेने माकपा नेताओं और सदस्यों की पहचान क्यों नहीं कर पाई जो समाचार की खबरों में मंच पर नजर आ रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने यह भी पूछा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और क्या उनके वाहन जब्त किए गए।
उसने अतिरिक्त महाधिवक्ता को पांच दिसंबर की घटना के संबंध में पुलिस प्रमुख से निर्देश लेने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय के निर्देश और टिप्पणियां, माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही का अनुरोध करने वाली याचिका पर आईं। उन पर सार्वजनिक सड़कों और सड़क के किनारों को अवरुद्ध करके बैठकें आयोजित न करने के न्यायिक निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप है।
भाषा
राजकुमार मनीषा
मनीषा