नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ‘नेहरू विकास मॉडल’ से अनिवार्य रूप से ‘नेहरू विदेश नीति’ पैदा होती है और ‘‘हम विदेशों में इसे सुधारना चाहते हैं, ठीक उसी तरह जैसे घरेलू स्तर पर इस मॉडल के परिणामों को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की पुस्तक ‘द नेहरू डेवलपमेंट मॉडल’ के विमोचन अवसर पर ऑनलाइन संबोधन में जयशंकर ने यह भी कहा कि लेखक का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विकल्पों ने भारत को एक ‘‘नियतिवादी मार्ग’’ पर मोड़ दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह मॉडल और इसके साथ जुड़ा विमर्श हमारी राजनीति, नौकरशाही, निश्चित रूप से नियोजन प्रणाली, न्यायपालिका, मीडिया सहित सार्वजनिक क्षेत्र और सबसे बढ़कर शिक्षण में व्याप्त है।’’
जयशंकर ने कहा कि आज रूस और चीन दोनों ही उस अवधि की आर्थिक मान्यताओं को ‘‘स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं’’, जिसका प्रचार करने में उन्होंने किसी और से ज्यादा काम किया, फिर भी, ये मान्यताएं आज भी देश के प्रभावशाली वर्गों में ‘‘जीवित’’ दिखाई देती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से 2014 के बाद, इसमें सुधार की दिशा में जोरदार प्रयास हुए हैं, लेकिन लेखक अच्छे कारणों से यह दावा करता है कि यह अभी भी एक कठिन कार्य है।’’
भाषा शफीक नेत्रपाल
नेत्रपाल