जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं को घटाने के लिए राष्ट्रव्यापी गति प्रबंधन की जरूरत :आईआईटी खड़गपुर |

जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं को घटाने के लिए राष्ट्रव्यापी गति प्रबंधन की जरूरत :आईआईटी खड़गपुर

जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं को घटाने के लिए राष्ट्रव्यापी गति प्रबंधन की जरूरत :आईआईटी खड़गपुर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : July 10, 2022/4:57 pm IST

कोलकाता, 10 जुलाई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर ने जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं को घटाने के लिए वैज्ञानिक और सार्वभौम राष्ट्रव्यापी गति प्रबंधन की सिफारिश की है।

संस्थान ने एक नीतिगत दस्तावेज में राज्य एवं जिला सड़क सुरक्षा परिषदों के गठन की सिफारिश की है जिनमें विभिन्न विभागों को शामिल किया जाए। साथ ही, इसमें गति सीमा का वैज्ञानिक तरीके से निर्धारण करने, सड़क संकेतक लगाने, इंजीनियरिंग पहल करने, मौजूदा गति प्रबंधन उपायों की ऑडिट करने, दुर्घटनाओं का अध्ययन, गति की निगरानी, दिशानिर्देशों का सख्त क्रियान्वयन और सड़क सुरक्षा के बारे में जन-जागरूकता अभियान चलाया जाना भी शामिल है।

दस्तावेज तैयार करने वाले प्राध्यापकों की टीम में शामिल रहे संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर भार्गब मैत्रा ने रविवार को कहा, ‘‘आईआईटी खड़गपुर ने हाल में अपनी सिफारिश पश्चिम बंगाल सरकार को सौंपी है और उसने सैद्धांतिक रूप से सुझावों को स्वीकार कर लिया है। लेकिन उसका राष्ट्रव्यापी और सार्वभौम क्रियान्वयन करने की जरूरत है। ’’

दस्तावेज में कहा गया है कि देश में, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, अधिकतर सड़कों पर मिश्रित यातायात है, लेन अनुशासन का अभाव है और सड़क किनारे कई गतिविधियां की जाती हैं। साथ ही, ऐसे वाहन चालक भी काफी संख्या में हैं जो दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं।

इसमें कहा गया है कि शॉपिंग क्षेत्र, स्कूल और अस्पताल जैसे खतरा संभावित क्षेत्रों में गति सीमा नियंत्रित करने की जरूरत है।

मैत्रा ने कहा कि इस तरह आईआईटी खड़गपुर की सिफारिशों का क्रियान्वयन देशभर में बड़े पैमाने पर किये जा रहे सड़क निर्माण के समय लाभकारी होगा।

मैत्रा ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2020 में 72 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं वाहनों की तेज गति के कारण हुईं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मौत होने और चोट लगने की एक प्रमुख वजह सड़क दुर्घटनाएं हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं से होने वाली मौत के मामले में भारत विश्व में शीर्ष पर है।’’

भाषा

सुभाष वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)