राजग सरकार ने पहले 100 दिन में तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी: शाह

राजग सरकार ने पहले 100 दिन में तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी: शाह

  •  
  • Publish Date - September 17, 2024 / 12:20 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 12:20 PM IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने अपने शुरुआती 100 दिन के कार्यकाल के दौरान 25 हजार गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने और महाराष्ट्र के वधावन में एक बड़े बंदरगाह के निर्माण समेत तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ यहां एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के अलावा सरकार का ध्यान कृषि पर भी रहा और इस दौरान खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया गया, प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाया गया तथा कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष नौ जून को लगातार तीसरी बार पदभार संभाला।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार का जोर नीतिगत मोर्चे पर स्थिरता प्रदान करने पर रहा है, जिसमें मूल अवधारणा को कमजोर किए बिना शुरुआती समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ परिवर्तन लाने को लचीला दृष्टिकोण अपनाया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 76,200 करोड़ रुपये की लागत से महाराष्ट्र में वधावन मेगा पोर्ट को मंजूरी दी है, जो दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-4 (पीएमजीएसवाई-4) के अंतर्गत 49 हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता से 25 हजार सड़कों से वंचित गांवों को मोटरमार्ग से जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण व उन्नयन को मंजूरी दी गई।

इनमें से कई गांवों की जनसंख्या 100 से भी कम है।

सरकार ने 50,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने को भी मंजूरी दी है, जिसमें 936 किलोमीटर तक फैली आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं की स्वीकृति भी शामिल है।

सरकार ने ‘एग्रीश्योर’ नाम से एक नया कोष भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना तथा ‘स्टार्टअप’ और ग्रामीण उद्यमों को समर्थन देना है।

भाषा यासिर वैभव

वैभव