नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने आदिवासियों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित मामले में उसकी सिफारिशों का पालन नहीं करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव को समन जारी किया है।
रालेगांव के विधायक अशोक वूइके ने पहले आरोप लगाया था कि राज्य में कई लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित नौकरी हासिल कर ली है। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षित 11,435 पद खाली पड़े हैं।
एनसीएसटी ने मामले का संज्ञान लेते हुए 25 अप्रैल को श्रीवास्तव को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर तथ्यों का ब्यौरा और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा था। जब श्रीवास्तव ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, तब आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 338 ए की धारा 8 के तहत दीवानी अदालत की शक्ति का प्रयोग किया और मुख्य सचिव को समन जारी किया, जिसमें उन्हें एक जून को एनसीएसटी सदस्य अनंत नायक के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया। मुख्य सचिव की ओर से सचिव पेश हुए।
आयोग ने राज्य प्राधिकारियों से फर्जी जाति प्रमाणपत्र के साथ सेवा में लोगों की संख्या, सेवा से निष्कासित लोगों और अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने वालों पर एक रिपोर्ट देने को कहा था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इन सिफारिशों का पालन न करने के कारण, एनएससीटी ने फिर से मुख्य सचिव को समन जारी करके 26 जुलाई को आयोग के सामने पेश होने को कहा।’’
भाषा अमित मनीषा
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