Publish Date - December 14, 2024 / 11:27 PM IST,
Updated On - December 14, 2024 / 11:32 PM IST
श्रीनगर: Notice for impeachment motion against judge श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विहिप के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा में एक नोटिस दिया है।
मेहदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज 100 से अधिक माननीय सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ यह महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। मैं उनका आभारी हूं और मुझे विश्वास है कि हमारे देश में अभी भी ऐसे लोग हैं जो एकता, बहुलता, समानता और संविधान के मूल्यों एवं भावना में विश्वास करते हैं।’’ उन्होंने नोटिस का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों और संसद में अपने सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
Notice for impeachment motion against judge दस दिसंबर को मेहदी ने कहा था कि वह न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ महाभियोग का नोटिस लाएंगे और इसके लिए उन्हें 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।
विश्व हिंदू परिषद के आठ दिसंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर कहा था कि समान नागरिक संहिता का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है। इसके एक दिन बाद न्यायाधीश के बयान संबंधी वीडियो सोशल मीडिया पर आए, जिसके बाद विपक्षी नेताओं सहित कई हलकों से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
Notice for impeachment motion against judge का क्या अर्थ है?
इसका अर्थ है न्यायाधीश के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना, जिससे न्यायाधीश के आचरण या निर्णयों पर सवाल उठाए जाते हैं और उनकी जांच होती है।
सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने यह नोटिस क्यों दिया?
उन्होंने यह नोटिस न्यायमूर्ति यादव द्वारा एक कार्यक्रम में दिए गए बयान को लेकर दिया, जिसे संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ माना गया।
Notice for impeachment motion against judge के लिए कितने सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं?
महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं।
क्या यह Notice for impeachment motion against judge पहली बार लाया गया है?
नहीं, इससे पहले भी न्यायपालिका में आचरण संबंधी मामलों को लेकर संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाए गए हैं।
महाभियोग प्रक्रिया क्या है?
महाभियोग प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है। यदि इसे आवश्यक बहुमत मिलता है, तो न्यायाधीश के आचरण की जांच के लिए एक समिति बनाई जाती है। जांच के बाद संसद अंतिम निर्णय लेती है।