नरेला विधानसभा सीट बचा पाएगी ‘आप’ या बीजेपी-कांग्रेस को मौका देगी जनता.. देखिए

नरेला विधानसभा सीट बचा पाएगी 'आप' या बीजेपी-कांग्रेस को मौका देगी जनता.. देखिए

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  • Publish Date - January 24, 2020 / 11:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

नई दिल्ली। दिल्‍ली की 70 विधानसभा सीटों में नरेला भी प्रमुख सीट है। एनसीआर क्षेत्र का हिस्‍सा यह विधानसभा सीट उत्‍तर पश्चिम दिल्‍ली जिले में आती है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नरेला सीट उत्‍तर पश्चिम दिल्‍ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आती है। 1993 में इस क्षेत्र को विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया। तब यहां के चुनाव में भाजपा के इंद्रराज सिंह जीत हासिल कर विधायक चुने गए थे।

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इसके बाद 1998 में हुए यहां दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी और उसके प्रत्‍याशी चरण सिंह कंडेरा विधायक बने। इसके बाद कांग्रेस ने यहां दो बार और जीत हासिल की। 2015 के पिछले चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी के शरद चौहान को विधायक चुना गया। हड़प्‍पा संस्‍कृति के भोरगढ़ गांव के समीप सराय नरेला को बसा हुआ माना जाता है। इस क्षेत्र से निकला ग्रांड ट्रंक रोड लाहौर और काबुल के रास्‍ते से जुड़ता है। मुगल सम्राट जहांगीर की जीवन जहांगीरनामा में भी नरेला का जिक्र मिलता है। दिल्‍ली और हरियाणा राज्‍य की सीमा पर बसा यह क्षेत्र बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया भी है।

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आमने-सामने-

आप पार्टी से वर्तमान विधायक शरद चौहान प्रत्याशी हैं। वहीं भाजपा से निलदमन खत्री मैदान पर हैं। कांग्रेस से सिद्धार्थ कुंडु प्रत्याशी बनाए गए हैं।

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नरेला विधानसभा के मतदाता-

के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,46,92,136 मतदाता हैं, जो कुल 2,689 स्थानों पर स्थापित किए गए कुल 13,750 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. दिल्ली में पुरुष मतदाताओं की तादाद 80,55,686 है, जबकि यहां कुल 66,35,635 महिला मतदाता हैं. राष्ट्रीय राजधानी में 815 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं, जबकि अप्रवासी भारतीय मतदाताओं की संख्या 489 है. दिल्ली में सर्विस वोटरों की कुल संख्या 11,556 है, जिनमें से 9,820 पुरुष मतदाता हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में 55,823 मतदाता दिव्यांग श्रेणी के भी हैं।

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अहम मुद्दे-

यहां के अहम मुद्दे : गांवों से गंदे पानी की निकासी नहीं है। पार्किंग, ट्रैफिक जाम, मेट्रो का नरेला तक नहीं पहुंच पाना, झुग्गी बस्तियों में नशे का इस्तेमाल, युवाओं के लिए खेल परिसर का न होना, नरेला बस टर्मिनल की बदहाली, नरेला-बवाना रोड अर्बन एक्सटेंशन 1,2 का विस्तार न होना बड़े मुद्दे हैं।

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पिछला मुकाबला-

2015 में इस सीट पर आम आदमी पार्टी की आंधी थी लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को नरेला विधानसभा सीट पर बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। नरेला विधानसभा सीट दिल्ली की उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के दायरे में आती है। लोकसभा चुनाव में नरेला विधानसभा सीट पर भाजपा को 93231 वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही थी जिसे 27995 वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी 26371 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर खिसक गई थी।

2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी, उस समय भाजपा प्रत्याशी नील दमन खत्री को 54622 वोट पड़े थे और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विरेंद्र को हराया था जिन्हें 31077 वोट मिले थे।

इस बार होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है और चुनाव के नतीजे काफी रोचक हो सकते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने 5 साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड तोड़ विकास का दावा कर रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली रिकॉर्ड जीत से उम्मीद बंधी है। कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारा है, ऐसे में देखना होगा कि इस बार दिल्ली में कौन बाजी मारता है।