Baba Narayan Sakar Hari exposed: हाथरस। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को स्थानीय उप जिलाधिकारी (एसडीएम), पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) और चार अन्य को निलंबित कर दिया। इस रिपोर्ट में घटना के पीछे ‘बड़ी साजिश’ से इनकार नहीं किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर भी लापरवाही होने की बात कही गई है जिसके कारण दो जुलाई को यह घटना हुई। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में जिला प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है।
वहीं नारायण साकार हरि के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने बाबा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि बाबा को लाल रंग पसंद हैं और वो सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही अपनी चेली बनाते हैं। इन लड़कियों को आयोजन समिति की ओर से लाल ड्रेस दी जाती हैं, जिसे पहनकर ही लड़कियां सत्संग में जाती हैं और डांस करती हैं और फिर इसके बाद अपने कपड़े बदल लेती हैं। बता दें कि ये खुलासा सूरज पाल के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने किया है।
महिलाओं ने बताया कि लड़कियां वही पोशाक पहनकर सत्संग में जाती थीं और नृत्य करती थीं। उन्होंने बताया कि सत्संग के दौरान बाबा हमेशा काला चश्मा पहना करता था। उन लड़कियों को सूरज पाल के चश्मे में भगवान का रूप दिखता था। इतना ही नहीं, जो महिलाएं सत्संग में जाती थीं, उन्होंने कई ऐसे खुलासे किए, जिनके बारे में वे कमरे में भी बताने से झिझकती थीं। एक महिला ने बताया कि सूरजपाल के आसपास हमेशा रहने वाली कुंवारी लड़कियां उसे अपना पति मानती थीं और उसी तरह उसके साथ रहती थीं। ये लड़कियां उसका सम्मान करती थीं और उसकी एक पुकार पर कुछ भी करने को तैयार रहती थीं।
Baba Narayan Sakar Hari exposed: इसके अलावा सूरज पाला के एक अनुयायी ने बताया कि बाबा के आश्रम और संस्थान में महिलाओं की अलग-अलग श्रेणियां तय थीं। कुंवारी लड़कियां ही सूरजपाल की शिष्याएं थीं। इसके लिए लड़कियों को बाबा से विशेष दीक्षा लेनी पड़ती थी। वहीं सुहागिन महिलाओं को सूरजपाल में भोले बाबा के दर्शन होते थे। उन्हें सूरज पाल से दूर रखा जाता था, वह शादीशुदा महिलाओं को अपने पास नहीं आने देता था।