क्या भारतीय नहीं हैं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वाले? NRC की सूची से गायब है नाम

क्या भारतीय नहीं हैं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वाले? NRC की सूची से गायब है नाम

  •  
  • Publish Date - September 1, 2019 / 02:51 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

नई दिल्ली: एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने के बाद से असम में खलबली मची हुई है। अंतिम सूची में 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर कर दिया गया है। हैरान करने वाल बात यह है कि इस सूची से पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों का नाम गायब है। बता दें कि फखरुद्दीन अली अहमद सन् 1974 से 1977 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। वे भारत के 5वें राष्ट्रपति थे।

Read More: भाजपा महिला पार्षद की भूख हड़ताल को 10 पार्षदों का मिला समर्थन, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग पर 7 दिनोंं से अनशन जारी

ज्ञात हो कि फखरुद्दीन अली अहमद के भतीजे और उनका परिवार असम के कामरूप जिले के रंगिया गांव में रहते हैं। फखरुद्दीन अली अहमद के भतीजे के बेटे साजिद अहमद ने बताया कि उनके परिवार का नाम लिस्ट में नहीं है जिसके कारण वे सदमे में हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इससे पहले 7 जुलाई को भी जारी किए गए सूची में भी उनके और उनके परिवार के सदस्यों का नाम गायब था।

​Read More: बिना कारण बिजली गोल हुई तो पैसे देगी मोदी सरकार, नई बिजली नीति में ग्राहकों के हित में ये हैं प्रावधान

Read More: यहां पिछले 24 घंटे से बंद है बिजली, हलाकान हुए लोग

साजिद अली ने अपना दर्द बयां करते हुए मीडिया को बताया कि मेरे दादा का नाम इकरामुद्दीन अली अहमद है और वे पूर्व राष्ट्रपति के भाई हैं। मैं उनका पोता हूं। हमलोग रोंगिया सब-डिवीजन के बरभगिया गांव में रहते हैं। हमलोग स्थानीय निवासी हैं, लेकिन हमारा नाम लिस्ट में नहीं है, यह चिंताजनक है। हमलोग भारत के पूर्व राष्ट्रपति के परिवारवाले हैं, लेकिन हमारा नाम लिस्ट से गायब है।

Read More: PCC चीफ के लिए चल रही खींचतान के बीच सिंधिया से मिलने पहुंचे मंत्री गोविंद सिंह, लंबी चली दोनों की चर्चा

उन्होंने यह भी कहा है कि हम 7 सितंबर को अधिकारियों से मुलाकात करने जाएंगे और एनआरसी की सूची में परिवार के सदस्यों का नाम शामिल करने का निवेदन करेंगे।

Read More: नदी में बहे तीन युवक, बारिश के बीच युवकों को तलाशने में जुटा प्रशासन