नागमंगला हिंसा : विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना, उसकी ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ को बताया वजह

नागमंगला हिंसा : विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना, उसकी ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ को बताया वजह

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  • Publish Date - September 13, 2024 / 06:29 PM IST,
    Updated On - September 13, 2024 / 06:29 PM IST

बेंगलुरु/मांड्या, 13 सितंबर (भाषा) कर्नाटक में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल सेक्युलर के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान राज्य के मांड्या जिले के नेलमंगला कस्बे में हुई हिंसा ‘‘पूर्व नियोजित’’ थी। उन्होंने घटना के लिए सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ को जिम्मेदार ठहराया।

जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया। घटना के बाद बुधवार रात इलाके में तनाव पैदा हो गया।

जद(एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने नागमंगला में कहा कि मौके पर किए गए निरीक्षण से यह बात सामने आई है कि प्रथम दृष्टया हिंसा ‘‘व्यवस्थित रूप से पूर्व नियोजित’’ थी। वह मांड्या के स्थानीय सांसद भी हैं।

कुमारस्वामी ने सवाल किया कि सरकार और प्रशासन क्या कर रहा था। उन्होंने पूछा, ‘‘घटना के पीछे क्या कारण है, इसकी जांच होनी चाहिए। यह किसकी विफलता है? क्या सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है…पुलिस क्या कर रही थी?’’

कर्नाटक के गृहमंत्री जी.परमेश्वर ने घटना को ‘मामूली’ और ‘आकस्मिक’ करार दिया था। उनके बयान पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘आप लोगों को किस तरह का संदेश दे रहे हैं…आप इसे आकस्मिक कह रहे हैं…जब ऐसा जुलूस निकल रहा था और यह एक संवेदनशील क्षेत्र था, अगर पर्याप्त उपाय किए गए होते, तो ऐसी घटना नहीं होती, यहां 30-40 वर्षों से रह रहे लोगों की दुकानों को आग लगा दी गई।’’

जद (एस) नेता ने आरोप लगाया कि घटना से महज दस मिनट पहले नागमंगला में तैनात अतिरिक्त आरक्षित पुलिस बल को हटा कर दूसरी जगह भेज दिया गया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘ सुरक्षाबलों को किसने हटाया? गृह मंत्री ने या किसी और ने?’’

कुमारस्वामी ने सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की योजना को लेकर दर्ज प्राथमिकी में दी गई जानकारी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘क्या आप परमेश्वर को गृह मंत्री कहेंगे? उन्होंने इसे एक मामूली घटना कहा था, अपनी पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी देखें जिसमें कहा गया है कि सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के इरादे से उपद्रवियों द्वारा घातक हथियार, धातु के पाइप और लाठियां रखी जा रही थीं।’’

परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि नागमंगला की घटना को ‘‘सांप्रदायिक हिंसा’’ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह घटना ‘‘क्षणिक गुस्से’’की वजह से हुई।

कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ लोगों ने 1990 में रामनगर और चन्नपटना में दुकानें जलाकर ‘इसी तरह की हिंसा’ भड़काई थी, ताकि ‘कानून और व्यवस्था की स्थिति’ का हवाला देकर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरेंद्र पाटिल को हटाया जा सके। उन्होंने कहा,‘‘यह कांग्रेस के कुछ लोगों द्वारा प्रायोजित था। अब जब उन्हें चन्नपटना उपचुनाव का सामना करना है, तो उन्होंने तुष्टीकरण शुरू कर दिया है…।’’

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी ने भी कहा कि घटनाक्रम को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह ‘पूर्वनियोजित’ था। उन्होंने कहा कि गणपति विसर्जन जुलूस पर हमला करने के लिए छड़ों, पत्थरों और हथियारों का इस्तेमाल किया गया; ऐसा भी कहा रहा है कि पेट्रोल बम भी फेंके गये।

जोशी ने कहा कि पिछले साल भी उसी जगह पर तनाव की स्थिति पैदा हुई थी; अगर पुलिस को खुली छूट दी गई होती तो यह घटना नहीं होती। उन्होंने कहा,‘‘सरकार जिस तरह से वोट बैंक की राजनीति कर रही है, उससे आतंकी गतिविधियों में लिप्त कुछ इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों को लग रहा है कि यह हमारी सरकार है और हमें सुरक्षा मिलेगी। मैं सभी मुसलमानों पर आरोप नहीं लगा रहा हूं।’’

जोशी ने भी परमेश्वर पर उनके बयान को लेकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के लोगों की बराबर-बराबर संख्या में गिरफ्तारी करके विरोध में संतुलन बनाया जा रहा है…यह उनके लिए धर्मनिरपेक्षता है।’’

मैसूर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता प्रताप सिम्हा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एक ‘‘तालिबान सरकार’’ चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को उनके (सिद्धरमैया के) आदेशों का पालन करना होगा और उनके खिलाफ नहीं जा सकती; नागमंगला में यही हुआ है।

सिम्हा ने चेतावनी दी, ‘‘यदि उकसावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले हिंदुओं पर मामला दर्ज किया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया तो हम पुलिस थाने आएंगे और यदि उन्हें जेल में डाला गया तो हम भी जेल जाएंगे।’’

पूर्व सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा,‘‘…चित्रदुर्ग में ‘शोभा यात्रा’ निकलती है जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। उत्तर कर्नाटक में, दावणगेरे, शिवमोगा, मगदी और चिक्काबल्लापुरा में बड़े पैमाने पर ‘गणेशोत्सव’ मनाया जाता है। अगर आप (मुख्यमंत्री और गृहमंत्री) मुस्लिम तत्वों के पेट्रोल बम, ‘तलवारों’ और पत्थरों से सुरक्षा नहीं देते हैं, तो गणेशोत्सव जुलूस के दौरान खुद को बचाने के लिए हमें पेट्रोल बम और ‘तलवार’ लेकर चलना पड़ सकता है, अगर स्थिति हाथ से निकल गई, तो सिद्धरमैया (मुख्यमंत्री) जिम्मेदार होंगे।’’

भाजपा की युवा इकाई के प्रमुख और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जब भी कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आई, ‘‘टीपू सुल्तान और औरंगजेब की संतानें पैदा हुईं और उन्हें ताकत मिली।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘ नागमंगला की मोहब्बत की दुकान में यही हुआ है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव