कोहिमा, 16 मई (भाषा) नगालैंड सरकार ने ‘द ईस्टर्न नगालैंड पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन’ (ईएनपीओ) से शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) के चुनावों में हिस्सा नहीं लेने के उनके फैसले पर पुन:विचार करने के लिए बृहस्पतिवार को अपील की।
क्षेत्र की सात नगा जनजातियों का शीर्ष संगठन ईएनपीओ 2010 से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। उनका दावा है कि नगालैंड के पूर्वी हिस्से के छह जिले वर्षों से उपेक्षा का शिकार हैं।
ईएनपीओ द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को एक पत्र भेजा गया था जिसमें उसने 26 जून को शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले के बारे में निर्वाचन आयोग को अवगत कराया था। इसके बाद ही सरकार की ओर से यह अपील की गई है।
राज्य के मंत्री के.जी. केन्ये ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान सरकार ने एक बार फिर ईएनपीओ और उसके घटकों से शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों में हिस्सा लेने के लिए अपील की है। जनता के व्यापक हित और उनके कल्याण के लिए राज्य के शहरी निकाय में महिला आरक्षण को लेकर चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह चुनाव कराए जा रहे हैं।’’
ईएनपीओ ने लोकसभा चुनाव के तहत 19 अप्रैल को संपन्न में हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। पूर्वोत्तर राज्य के पूर्वी हिस्से के छह जिलों में कोई मतदान नहीं हुआ।
संगठन ने आरोप लगाया कि कई पत्रों और सार्वजनिक रैलियों के माध्यम से कई बार याद दिलाने के बावजूद गृह मंत्रालय ईएनपीओ की मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है।
ईएनपीओ ने कहा, ‘‘यही कारण है कि पूर्वी नगालैंड के लोगों को अपने सामूहिक असंतोष को व्यक्त करने के लिए इस तरह का कदम उठाना पड़ा है।’’
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