नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) भारत ने म्यांमा में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पांच सैन्य विमानों से राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा उपकरण भेजे हैं। इस भूकंप में 1,600 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 3,000 घायल हुए हैं।
भारत ने शुक्रवार को म्यांमा और थाईलैंड में आए भूकंप से मची तबाही के मद्देनजर त्वरित कार्रवाई करते हुए अपना राहत मिशन शुरू किया, जिसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है।
भारत ने तीन सी-130जे और दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के जरिये राहत सामग्री, दवाइयां, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का 80 सदस्यीय खोज एवं बचाव दल तथा सेना का फील्ड अस्पताल म्यांमा भेजा है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना की 50 (आई) पैरा ब्रिगेड की एक विशेष बचाव टीम को भी म्यांमा में तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं संचार इकाइयों सहित 118 कर्मियों का दल शनिवार रात म्यांमा की राजधानी नेपीता पहुंचा।
अधिकारियों ने बताया कि टीम मुख्य रूप से मांडले में बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार देर रात ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘दो सी-17 विमान भारतीय सेना की 118 सदस्यीय फील्ड अस्पताल इकाई, जिसमें महिला एवं बाल देखभाल सेवा के कर्मी शामिल हैं, और 60 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमा पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही भारत से आज कुल पांच राहत उड़ानें म्यांमा भेजी जा चुकी हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मदद पहुंचाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए शनिवार को म्यांमा के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत उस देश के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।
भारत नौसैनिक जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री के जरिये भी म्यांमा को 40 टन मानवीय सहायता भेज रहा है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि क्षेत्र में मौजूद संयुक्त राष्ट्र तंत्र जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सक्रिय है।
भाषा धीरज पारुल
पारुल