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बेंगलुरु, एक नवंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि ‘शक्ति’ योजना पर उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर इस तरह पेश किया गया जैसे राज्य की कांग्रेस सरकार इसे वापस लेना चाहती हो।
शिवकुमार की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उनके इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से उनकी खिंचाई करने के बाद आई है कि कुछ महिलाओं ने सरकारी बसों में यात्रा के लिए भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की है।
उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो भी बयान दिया था, उसे तोड़-मरोड़ कर ऐसे पेश किया गया, जैसे कि हम इसे (शक्ति योजना) बंद कर देंगे। मैंने सिर्फ इतना कहा था कि कुछ वर्ग के लोग ऐसा कह रहे हैं। किसी गारंटी को खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता।’’
उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्वेच्छा से अपनी यात्रा का खर्च वहन करना चाहते हैं।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की इस गारंटी के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है।
उपमुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर हंगामा करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘विपक्षी दलों के लिए राजनीति महत्वपूर्ण है, वे ऐसी योजनाएं नहीं ला पाए और अब उन्हें यह सहन भी नहीं हो रहा। भावनाओं से खेलना, माता-पिता, भाई-बहन के बीच टकराव, लड़ाई-झगड़े करना ही इनका काम है। राज्य का विकास करना इनकी (भाजपा) राजनीति नहीं है।’’
खरगे ने शिवकुमार के इस बयान पर तंज कसते हुए बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘आपने कुछ गारंटी दी हैं। उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में पांच गारंटी हैं। अब आपने (शिवकुमार) कहा कि आप एक गारंटी वापस ले लेंगे।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि शिवकुमार ने जो कुछ भी कहा है, उससे भाजपा को मौका (कांग्रेस को घेरने का) मिल गया है।
खरगे ने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘पांच, छह, दस या बीस गारंटी देने की बात मत कहिए। अपने राज्य के बजट के अनुसार गारंटी दीजिए। अगर आप अपने बजट से अधिक गारंटी देंगे तो आप दिवालिया हो जाएंगे। सड़क भरने के लिए मिट्टी भी नहीं बचेगी। लोग आपको दोषी ठहराएंगे। अगर यह सरकार विफल हो गई तो अगली पीढ़ी के लिए कुछ नहीं बचेगा। इससे आपको सिर्फ बदनामी मिलेगी, भलाई नहीं मिलेगी।’’
महाराष्ट्र चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के बजट का अध्ययन करेगी और उसके अनुसार गारंटी की घोषणा की जाएगी।
खरगे ने कहा कि बजट का अध्ययन करने और गारंटी पर अच्छी तरह से काम किये जाने के बाद वह महाराष्ट्र जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘तब तक मैं वहां नहीं जाऊंगा। हमने यह कवायद (महाराष्ट्र बजट पढ़ने की) एक पखवाड़ा पहले शुरू की थी। हम नागपुर और मुंबई में गारंटी की घोषणा करेंगे।’’
पार्टी में एकता के लिए खरगे के आह्वान के बारे में शिवकुमार ने कहा कि यह संदेश उनके या वहां मौजूद किसी अन्य व्यक्ति के लिए नहीं था।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए नहीं था। उन्होंने (खरगे ने) विभिन्न मौकों पर कार्यकर्ताओं को केवल संदेश भेजा है।’’
उन्होंने पूछा कि जब से वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बने हैं, तब से क्या सरकार या पार्टी में मतभेद का एक भी मामला सामने आया है?
शिवकुमार ने कांग्रेस के कामकाज में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि खरगे वरिष्ठ नेता होने के नाते राष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें मार्गदर्शन देते हैं।
इस बीच, खरगे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोगों से कहा कि वे इस बयान के अर्थ को समझें।
जोशी ने कहा, ‘‘खरगे ने एक तरह से कहा है कि ‘महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक चुप रहो और बाद में इसे (शक्ति) वापस ले लो।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस झूठे वादे करके राज्यों को कंगाल बना रही है।
भाषा देवेंद्र अविनाश
अविनाश